Swami Vivekananda Quotes in Hindi
Swami Vivekananda Quotes in Hindi : स्वामी विवेकानंदजी का नाम उन महापुरुषों में लिया जाता है, जिन्होंने न केवल भारत के समाज को जागरूक किया, बल्कि पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति और धर्म की महिमा से परिचित करवाया। 19वीं और 20वीं शताब्दी के उस दौर में, जब भारत गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, स्वामी विवेकानंदजी ने अपने विचारों और क्रियाओं से देशवासियों के मन में आत्मविश्वास की लौ प्रज्वलित की। उनके विचार आज भी हर व्यक्ति को प्रेरणा देने का कार्य करते हैं।
स्वामी विवेकानंदजी का मानना था कि हर व्यक्ति के भीतर एक अनंत शक्ति होती है, जिसे पहचानने और सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने समाज के हर वर्ग को, विशेष रूप से युवाओं को, अपने जीवन का उद्देश्य समझने और उसके प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी। उनके विचारों में जीवन की समस्याओं से जूझने और उनके समाधान की दिशा में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन मिलता है।
यहाँ स्वामी विवेकानंदजी के कुछ अनमोल विचार प्रस्तुत हैं, जो आपके जीवन को नई दिशा देने में सहायक हो सकते हैं:-
- “मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है”
– स्वामी विवेकानंद
- “अभय हो! अपने अस्तित्व के कारक तत्व को समझो, उस पर विश्वास करो। भारत की चेतना उंसकी संस्कृति है। अभय होकर इस संस्कृति का प्रचार करो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जब तक करोड़ों लोग भूखे और अज्ञानी रहेंगे, मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को विश्वासघाती मानूंगा जो उनकी कीमत पर शिक्षित हुआ है और उनकी ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं हैं.”
– स्वामी विवेकानंद
- “हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं.”
– स्वामी विवेकानंद
- “ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है.”
– स्वामी विवेकानंद
- “आपको अंदर से बाहर निकलना होगा। कोई आपको सिखा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के सिवा कोई दूसरा गुरु नहीं है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जब कोई विचार विशेष रूप से दिमाग पर कब्जा कर लेता है, तो यह वास्तविक शारीरिक या मानसिक स्थिति में बदल जाता है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “लोग तुम्हारी स्तुति करें या निंदा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांच आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।”
– स्वामी विवेकानंद
- “अनेक देशों में भ्रमण करने के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि संगठन के बिना संसार में कोई भी महान एवं स्थाई कार्य नहीं किया जा सकता।”
– स्वामी विवेकानंद - “यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।”
– स्वामी विवेकानंद
- “यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे। किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दोगे, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचाएंगे।”
– स्वामी विवेकानंद
- “धर्म कल्पना की चीज नहीं है, प्रत्यक्ष दर्शन की चीज है। जिसने एक भी महान आत्मा के दर्शन कर लिए वह अनेक पुस्तके पंडितों से बढ़कर है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती।”
– स्वामी विवेकानंद
- “हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।”
– स्वामी विवेकानंद
- “एक समय में एक काम करो, ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सबकुछ भूल जाओ”
– स्वामी विवेकानंद
- “जो कुछ भी तुम्हें कमजोर बनाता है- शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे जहर की तरह त्याग दो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “एक समय में एक काम करो, ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सबकुछ भूल जाओ”
– स्वामी विवेकानंद
- “जो कुछ भी तुम्हें कमजोर बनाता है- शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे जहर की तरह त्याग दो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जब तक जीना, तब तक सीखना। अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जब लोग तुम्हें गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “केवल उन्हीं का जीवन, जीवन है जो दूसरों के लिए जीते हैं। अन्य सब तो जीवित होने से अधिक मृत हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
- “एक नायक बनो और सदैव खुद से कहो मुझे कोई डर नहीं है जैसा मैं सोच सकता हूँ वैसा जीवन में जी भी सकता हूँ।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जो कुछ भी तुम्हें शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक रूप से कमजोर बनाता है, वो जहर के समान है। उसे त्याग दो।”
– स्वामी विवेकानंद
- “जब मनुष्य इन्द्रियों के वश में होता है। वह संसार का है। जब उसने इन्द्रियों को वश में कर लिया है तो संसार उसी का है।”
– स्वामी विवेकानंद
- “आपके मस्तिष्क की शक्ति सूर्य की किरणों के समान है, जब वो केंद्रित होती हैं, चमक उठती हैं।”
– स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंदजी ने अपने जीवन और विचारों से न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। उनका जीवन एक आदर्श है और उनके विचार हर व्यक्ति के जीवन को एक नई दिशा प्रदान कर सकते हैं। उनके द्वारा कही गई बातें सदियों तक लोगों को प्रेरणा देती रहेंगी।
स्वामी विवेकानंद के ये विचार हमें प्रेरणा देने के साथ-साथ जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने की भी प्रेरणा देते हैं। उनके विचार सदैव हमारे मन में प्रकाश की एक किरण बनकर चमकते रहेंगे और हमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने का साहस देंगे।
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