अकबर इलाहाबादी: हास्य-व्यंग के शहंशाह

अकबर इलाहाबादी: हास्य-व्यंग और शेर के शहंशाह

अकबर इलाहाबादी की जीवन परिचय:

  • नाम: सैयद अकबर हुसैन (कलम का नाम: अकबर इलाहाबादी)
  • जन्म: 16 नवंबर 1846, इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
  • मृत्यु: 15 फरवरी 1921, इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
  • पेशा: शायर, लेखक, वकील, न्यायाधीश

अकबर इलाहाबादी, एक मशहूर उर्दू कवि, मुख्यत: मजाहिया कविताओं के लेखक थे। उन्होंने अपनी बेहद कूटनीतिक, मनोरंजक और विचारशील कविताओं के लिए विख्यात हैं।

अकबर इलाहाबादी: हास्य-व्यंग के शहंशाह
अकबर इलाहाबादी: हास्य-व्यंग के शहंशाह

अकबर इलाहाबादी की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अकबर इलाहाबादी 1846 में भारत के उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में पैदा हुए थे। उनका शैक्षिक प्रक्रिया काफी असामान्य था। उन्होंने उर्दू, फारसी, अंग्रेजी, अरबी, लैटिन, ग्रीक और संस्कृत में अच्छे प्रदर्शन किया।

अकबर इलाहाबादी की साहित्यिक यात्रा की शुरुआत

अकबर ने अपनी लेखनी की शुरुआत 1868 में की जब वे अपने पहले कविता “कविता-ए-इश्क” को प्रकाशित किया। उनकी लेखनी में हास्य, व्यंग्य, और समाजवादी विचारों का विवादित मिश्रण था।

अकबर इलाहाबादी की उर्दू साहित्य में योगदान

  • अकबर इलाहाबादी को उर्दू साहित्य के सबसे प्रसिद्ध हास्य-व्यंग शायरों में से एक माना जाता है।
  • उन्होंने ग़ज़ल, नज़्म, रुबाई, क़ित्आ, और लेखन सहित विभिन्न विधाओं में रचनाएँ कीं।
  • उनकी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर तीखी टिप्पणियाँ, हास्य और व्यंग्य का कुशल प्रयोग, और भाषा की सरलता देखने को मिलती है।
  • उनकी कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं का अभिव्यक्ति है, जैसे कि प्यार, विरह, और समाजिक अध्ययन।

अकबर इलाहाबादी की प्रसिद्ध रचनाएँ:

  • अकबर इलाहाबादी (1904): उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं का संग्रह, जिसमें “हंगामा है क्यों बरपा” जैसी प्रसिद्ध ग़ज़लें शामिल हैं।
  • नज़्म-ए-अकबर (1922): उनकी नज़्मों का संग्रह।
  • अकबर के शेर (1960): उनके प्रसिद्ध शेरों का संग्रह।

अकबर इलाहाबादी की उपलब्धियाँ:

  • अकबर इलाहाबादी को “शायर-ए-हज़रत” (हज़ारों का शायर) की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
  • उन्हें उर्दू भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।
  • उनकी रचनाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक और लोकप्रिय हैं जितनी कि उनके जीवनकाल में थीं।

अकबर इलाहाबादी का महत्व:

  • अकबर इलाहाबादी ने उर्दू साहित्य में हास्य-व्यंग की विधा को नया आयाम दिया।
  • उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक बुराइयों पर प्रहार किया और लोगों को प्रेरित किया।
  • उनकी भाषा की सरलता और हास्य का प्रयोग उनकी रचनाओं को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाता है।

अकबर इलाहाबादी की टॉप 20 शायरी

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है

डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

रहता है इबादत में हमें मौत का खटका

हम याद-ए-ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

ग़ज़ब है वो ज़िद्दी बड़े हो गए

मैं लेटा तो उठ के खड़े हो गए

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज से

लेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

हक़ीक़ी और मजाज़ी शायरी में फ़र्क़ ये पाया

कि वो जामे से बाहर है ये पाजामे से बाहर है

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

लिपट भी जा न रुक ‘अकबर’ ग़ज़ब की ब्यूटी है

नहीं नहीं पे न जा ये हया की ड्यूटी है

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम

वस्ल का दिल से मिरे अरमान रुख़्सत हो गया

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

धमका के बोसे लूँगा रुख़-ए-रश्क-ए-माह का

चंदा वसूल होता है साहब दबाव से

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ

बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

मज़हबी बहस मैं ने की ही नहीं

फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

बी.ए भी पास हों मिले बी-बी भी दिल-पसंद

मेहनत की है वो बात ये क़िस्मत की बात है

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

पैदा हुआ वकील तो शैतान ने कहा

लो आज हम भी साहिब-ए-औलाद हो गए

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम

वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

कोट और पतलून जब पहना तो मिस्टर बन गया

जब कोई तक़रीर की जलसे में लीडर बन गया

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

हम ऐसी कुल किताबें क़ाबिल-ए-ज़ब्ती समझते हैं

कि जिन को पढ़ के लड़के बाप को ख़ब्ती समझते हैं

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

जो वक़्त-ए-ख़त्ना मैं चीख़ा तो नाई ने कहा हँस कर

मुसलमानी में ताक़त ख़ून ही बहने से आती है

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना

हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद

अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

मैं भी ग्रेजुएट हूँ तुम भी ग्रेजुएट

इल्मी मुबाहिसे हों ज़रा पास आ के लेट

♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠x♠

जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर

हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है

निष्कर्ष

अकबर इलाहाबादी एक अनूठे कवि और विचारक थे जिनका काव्य उर्दू साहित्य के स्वर्गीय विराजमान है। उनकी कविताएँ हमें न केवल हंसाती हैं, बल्कि समाज में गंभीर मुद्दों पर सोचने पर मजबूर भी करती हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या अकबर इलाहाबादी की कविताएँ समाज को जागरूक करती हैं?

हां, अकबर इलाहाबादी की कविताएँ समाज को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक करती हैं।

2. क्या अकबर इलाहाबादी का काव्य आज भी महत्वपूर्ण है?

जी हां, उनका काव्य आज भी महत्वपूर्ण है और उर्दू साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।

3. क्या अकबर इलाहाबादी का लेखन आज के समय में भी प्रेरणादायक है?

हां, उनका लेखन आज के समय में भी प्रेरणादायक है और नए कवि को प्रेरित करता है।

4. क्या अकबर इलाहाबादी कोई अनूठा कवि थे?

हां, अकबर इलाहाबादी एक अनूठे कवि थे जिनका काव्य उर्दू साहित्य में अद्वितीय स्थान रखता है।

5. क्या उनकी कविताएँ केवल मनोरंजन के लिए हैं?

नहीं, उनकी कविताएँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि वे समाज के मुद्दों पर विचार करने को भी प्रेरित करती हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top