50 + Honth par behatareen shayari

Honth par Behatareen Shayari – होंठ पर बेहतरीन शायरी

होंठ पर बेहतरीन शायरी : होंठों (लबों) की तारीफ और उनसे शिकवे-शिकायत शायरी की दुनिया में एक बेहद आम और खास मज़मून रहा है। शायरों ने होंठों (लबों) की ख़ूबसूरती और उनकी नाज़ुकी को नए-नए अंदाज़ में पेश किया है। कभी वो लब गुलाब की पंखुड़ी से नाज़ुक होते हैं, तो कभी उनसे फूल झड़ते हैं। इन होंठों (लबों) पर प्यार भरी मुस्कान भी है और गहरी चुप्पी भी। शायरी में अक्सर यह देखा गया है कि महबूब के लब खामोश हैं, वो हिलते नहीं, आशिक से कोई बात नहीं करते। यह खामोशी भी अपनी जगह एक गहरी बात कहती है।

होंठ पर बेहतरीन शायरी का एक ख़ास अंदाज़ है, जिसमें मोहब्बत, खामोशी, शिकवे-शिकायत, और हुस्न का बयान बखूबी होता है। शायर लबों को सिर्फ़ ख़ूबसूरत या नाज़ुक नहीं मानता, बल्कि उन्हें एक ज़रिया समझता है जिससे दिल की बातें बयाँ होती हैं या छुप जाती हैं। कुछ शेर लबों पर जो आपकी पसंद के हो सकते हैं:-

Honth par behatareen shayari

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए

पंखुड़ी इक गुलाब की सी है

मीर तक़ी मीर

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

बहुत फूल देखे पर वो रंग न देखा, जो तेरे ख़ूबसूरत होठों का था।

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

मैं इक फकीर के होंठों की मुस्कुराहट हूँ, किसी से भी मेरी कीमत अदा नहीं होती।

Honth par behatareen shayari
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तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारो, ये होंठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं।

Honth par behatareen shayari
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पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर, तेरे होंठों का रंग देख के नीयत बदल गई।

Honth par behatareen shayari
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तेरे होंठो को देखा तो एक बात उठी जहन में। वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे, जो इनसे होकर गुजरते है।

Honth par behatareen shayari
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तेरे खामोश होंठो पर मोहब्बत गुन-गुनाती है, तू मेरी है..मैं तेरा हूँ..बस ये ही आवाज़ आती है।

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

अच्छा लगता है मेरे होठों पर रख कर अपनी उंगली, जब बोलते हो तुम, अब चुप भी रहो तुम।

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

मेरा अपना तजुर्बा है तुम्‍हें बतला रहा हूं मैं, कोई लब छू गया था तब कि अबतक गा रहा हूं मैं।

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

दूध के उफान कि तरह हैं मेरा गुस्सा जनाब.. पर वो अपने होठों से फूक मार सब शांत कर देती है।

Honth par behatareen shayari
Honth par behatareen shayari

इन होंठो को परदे में छुपा लिया किजीये, हम गुस्ताख लोग हैं नजरों से भी चूम लिया करते हैं।

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
-मीर तक़ी मीर

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

क्यूं परखते हो सवालों से जवाबों को ‘अदीम’
होंट अच्छे हों तो समझो कि सवाल अच्छा है
-अदीम हाशमी

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

उस के होंटों पे रख के होंट अपने
बात ही हम तमाम कर रहे हैं
-जौन एलिया

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

कितने शीरीं हैं तेरे लब कि रक़ीब
गालियां खा के बे-मज़ा न हुआ
-मिर्ज़ा ग़ालिब

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

शौक़ है इस दिल-ए-दरिंदा को
आप के होंट काट खाने का
-जौन एलिया

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया
कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी
-अहमद फ़राज़

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूं मैं
ख़ुद बना लेती है होंटों पर हंसी अपनी जगह
-अनवर शऊर

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

तुझ सा कोई जहान में नाज़ुक-बदन कहां
ये पंखुड़ी से होंट ये गुल सा बदन कहां
-लाला माधव राम जौहर

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

एक दम उस के होंट चूम लिए
ये मुझे बैठे बैठे क्या सूझी
-नासिर काज़मी

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

आता है जी में साक़ी-ए-मह-वश पे बार बार
लब चूम लूं तिरा लब-ए-पैमाना छोड़ कर
-जलील मानिकपुरी

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

मुस्कुराए बग़ैर भी वो होंट
नज़र आते हैं मुस्कुराए हुए
-अनवर शऊर

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

ख़ुदा को मान कि तुझ लब के चूमने के सिवा
कोई इलाज नहीं आज की उदासी का
-ज़फ़र इक़बाल

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

तिरे लबों को मिली है शगुफ़्तगी गुल की
हमारी आंख के हिस्से में झरने आए हैं
-आग़ा निसार

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

उन लबों ने न की मसीहाई
हम ने सौ सौ तरह से मर देखा
-ख़्वाजा मीर दर्द

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

बुझे लबों पे है बोसों की राख बिखरी हुई
मैं इस बहार में ये राख भी उड़ा दूंगा
-साक़ी फ़ारुक़ी

होंठ पर बेहतरीन शायरी
होंठ पर बेहतरीन शायरी

कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं से
ज़हर खाने की इजाज़त ही सही
-आरज़ू लखनवी

Honth par behatareen shayari
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होंटों पर इक बार सजा कर अपने होंट
उस के बाद न बातें करना सो जाना
-अतीक़ इलाहाबादी

Honth par behatareen shayari
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किसी को ख़्वाब में अक्सर पुकारते हैं हम
‘अता’ इसी लिए सोते में होंट हिलते हैं
-अहमद अता

Honth par behatareen shayari
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बुझे लबों पे है बोसों की राख बिखरी हुई
मैं इस बहार में ये राख भी उड़ा दूँगा
-साक़ी फ़ारुक़ी

Honth par behatareen shayari
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किसी को ख़्वाब में अक्सर पुकारते हैं हम
‘अता’ इसलिए सोते में होंठ हिलते हैं
-अहमद अता

Honth par behatareen shayari
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 कितने शीरीं हैं तेरे लब कि रक़ीब
गालियाँ खा के बेमज़ा न हुआ
-मिर्ज़ा ग़ालिब

Honth par behatareen shayari
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कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं से
ज़हर खाने की इजाज़त ही सही
-आरज़ू लखनवी

Honth par behatareen shayari
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क्यूँ परखते हो सवालों से जवाबों को ‘अदीम’
होंठ अच्छे हों तो समझो कि सवाल अच्छा है
-अदीम हाशमी

Honth par behatareen shayari
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सिर्फ़ उस के होंठ काग़ज़ पर बना देता हूँ मैं
ख़ुद बना लेती है होंठों पर हँसी अपनी जगह
 -अनवर शऊर

Honth par behatareen shayari
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सो देख कर तेरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया
कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी
-अहमद फ़राज़

Honth par behatareen shayari
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तुझ सा कोई जहान में नाज़ुक-बदन कहाँ
ये पंखुड़ी से होंठ ये गुल सा बदन कहाँ
-माधव राम जौहर

Honth par behatareen shayari
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उन लबों ने न की मसीहाई
हम ने सौ सौ तरह से मर देखा
-ख़्वाजा मीर ‘दर्द’

Honth par behatareen shayari
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सरगोशियों की रात है रुख़्सार ओ लब की रात
अब हो रही है रात जवाँ देखते चलें
-मख़दूम मोहिउद्दीन

Honth par behatareen shayari
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शौक़ है इस दिल-ए-दरिंदा को

आप के होंट काट खाने का

 -जौन एलिया

Honth par behatareen shayari
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कितने शीरीं हैं तेरे लब कि रक़ीब

गालियाँ खा के बे-मज़ा न हुआ

-मिर्ज़ा ग़ालिब

Honth par behatareen shayari
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एक बोसे के भी नसीब न हों

होंठ इतने भी अब ग़रीब न हों

-फ़रहत एहसास

Honth par behatareen shayari
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एक दम उस के होंट चूम लिए

ये मुझे बैठे बैठे क्या सूझी

-नासिर काज़मी

Honth par behatareen shayari
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मिल गए थे एक बार उस के जो मेरे लब से लब

उम्र भर होंटों पे अपने मैं ज़बाँ फेरा किए

-जुरअत क़लंदर बख़्श

एक बोसा होंट पर फैला तबस्सुम बन गया

जो हरारत थी मिरी उस के बदन में आ गई

  -काविश बद्री

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ख़ुदा को मान कि तुझ लब के चूमने के सिवा

कोई इलाज नहीं आज की उदासी का

-ज़फ़र इक़बाल

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मुस्कुराए बग़ैर भी वो होंट

नज़र आते हैं मुस्कुराए हुए

-अनवर शऊर

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तिरे लबों को मिली है शगुफ़्तगी गुल की

हमारी आँख के हिस्से में झरने आए हैं

-आग़ा निसार

Honth par behatareen shayari
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आता है जी में साक़ी-ए-मह-वश पे बार बार

लब चूम लूँ तिरा लब-ए-पैमाना छोड़ कर

-जलील मानिकपूरी

Honth par behatareen shayari
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लब-ए-नाज़ुक के बोसे लूँ तो मिस्सी मुँह बनाती है

कफ़-ए-पा को अगर चूमूँ तो मेहंदी रंग लाती है

-आसी ग़ाज़ीपुरी

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 दूर से यूँ दिया मुझे बोसा

होंट की होंट को ख़बर न हुई

-अहमद हुसैन माइल

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जिस लब के ग़ैर बोसे लें उस लब से ‘शेफ़्ता’

कम्बख़्त गालियाँ भी नहीं मेरे वास्ते

-मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता

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हज़ार बार निगाहों से चूम कर देखा

लबों पे उस के वो पहली सी अब मिठास नहीं

-असलम आज़ाद

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रू-ब-रू कर के कभी अपने महकते सुर्ख़ होंट

एक दो पल के लिए गुल-दान कर देगा मुझे

-ज़फ़र इक़बाल

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