Gulzar Shayari in Hindi – गुलज़ार शायरी हिंदी में
Gulzar Shayari in Hindi : इस लेख में हम आपके लिए ‘गुलज़ार शायरी हिंदी में’ प्रस्तुत कर रहे हैं। गुलज़ार साहब, जो ग़ज़ल, कविता और शायरी को एक नई दिशा और पहचान देने वाले शायरों में से एक हैं, उनके शब्दों की गहराई आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। उनकी रचनाएँ सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू को छूने वाली भावनाएँ हैं। चाहे वह प्रेम हो, बिछड़न हो या ज़िंदगी की छोटी-बड़ी बातें, गुलज़ार साहब ने हर एहसास को अपने अनोखे अंदाज़ में शब्दों में पिरोया है।
Gulzar Shayari पढ़ने के बाद यह एहसास होता है कि उन्होंने जैसे हमारे दिल की बातें कागज पर उतार दी हों। यहां हमने गुलज़ार साहब की कुछ बेहतरीन और दिल को छू लेने वाली शायरियों का संग्रह आपके लिए प्रस्तुत किया है। इन शायरियों को ज़रूर पढ़ें और अपने जीवन के हर लम्हे में उनका आनंद लें।
Gulzar Shayari in Hindi
“कुछ भी कायम नहीं है, कुछ भी नहीं,
और जो कायम है, बस एक मैं हूं, मैं जो पल-पल बदलता रहता हूं।”
-गुलज़ार
“बिना मोबाइल खाली हाथ नजर आ जाए कोई तो,
खामख़्वाह ही हाथ मिलाने को जी करता है।”
-गुलज़ार
“यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो कोई पूछने भी नहीं आएगा।”
-गुलज़ार
“तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा है,
बेबसी की छत के नीचे कोई किसी को भूल रहा है।”
-गुलज़ार
“ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं,
फिर भी आंखों में तुम्हारा चेहरा समाए हुए हैं,
किताबों पर धूल जम जाने से कहानी कहां बदलती है।”
-गुलज़ार
“किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती, लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता।”
-गुलज़ार
“समेट लो इन नाजुक पलों को, ना जाने ये लम्हे हो ना हो,
हो भी ये लम्हे क्या मालूम, शामिल उन पलों में हम हो ना हो!”
-गुलज़ार
“दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछते हैं और कितना वक्त लगेगा!”
-गुलज़ार
“मेरी तन्हाई का मुझे गिला नहीं, क्या हुआ अगर वो मुझे मिला नहीं, फिर भी दुआ करेंगे उसके वास्ते खुदा, उसे वो सब अता करे जो मुझे मिला नहीं!”
-गुलज़ार
Heart Touching Gulzar Shayari in Hindi
“आज उसने एक और दर्द दिया हैं, तो मुझे याद आया मैंने ही तो दुवाओं में उसके सारे गम मांगे थे!”
-गुलज़ार
“जहर का भी अपना हिसाब है मरने के लिए, थोड़ा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है!”
-गुलज़ार
“हम समझदार इतने कि उनका झूठ पकड़ लेते हैं और उनके दीवाने भी इतने कि फिर भी यकीन कर लेते हैं!”
-गुलज़ार
“दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता, रोता है दिल जब वो पास नहीं होता। बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में, और वो कहती हैं इस तरह प्यार नहीं होता!”
-गुलज़ार
“वक्त की कसौटी से हर रिश्ता गुजर गया, कुछ निकले खरे सोने से, कुछ का पानी उतर गया।”
-गुलज़ार
“जिंदगी ने सवाल बदल दिए, समय ने हालत बदल दिए, हम तो वही है यारों पर लोगो ने अपने ख्याल बदल दिए!”
-गुलज़ार
“झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था
दबी दबी हँसी में इक, हसीन सा गुलाल था
मै सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यूं लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो”
-गुलज़ार
“पता चल गया है के मंज़िल कहां है, चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे, सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर, जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे।”
-गुलज़ार
“ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की, और कहना कि, कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश, उनके आँचल का इंतज़ार करती है।”
-गुलज़ार
“वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी, वो नफ़रत भी तुम्हारी थी, हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे मांगते, वो शहर भी तुम्हारा था, वो अदालत भी तुम्हारी थी।”
-गुलज़ार
Best Gulzar Shayari in Hindi
“उन्हें ये ज़िद थी कि हम बुलाये, हमें ये उम्मीद थी कि वो पुकारे, हैं नाम होठों पे अब भी लेकिन, आवाज़ में पड़ गयी दरारे।”
-गुलज़ार
“एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद, दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम ज़िन्दगी हैं।”
-गुलज़ार
“देर से गूंजते हैं सन्नाटे, जैसे हमको पुकारता है कोई। कल का हर वाक़िया था तुम्हारा, आज की दास्ताँ है हमारी।”
-गुलज़ार
“सालों बाद मिले वो, गले लगाकर रोने लगे, जाते वक्त जिसने कहा था, तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे।”
-गुलज़ार
“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान, दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे, ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में, उसको पढ़ते रहे और जलाते रहे।”
-गुलज़ार
“ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं, ना पास रहने से जुड़ जाते हैं, यह तो एहसास के पक्के धागे हैं, जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं।”
-गुलज़ार
“टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं,
कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं,
मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से,
काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं।”
-गुलज़ार
“जिंदगी एक रवायत है, जिसे निभाना पड़ता है, उनके बिना भी, जो कभी आपकी जिंदगी थे।”
-गुलज़ार
“जब भी दिल तुझको याद करता है, तू मेरे जिस्म से गुजरता है, आंखों में क्यों रखा हुआ है तू सांस में क्यों रुका हुआ है।”
-गुलज़ार
“समेट लो इन नाजुक पलो को, ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल, उन पलो में हम हो ना हो।”
-गुलज़ार
“सामने आया मेरे, देखा भी, बात भी की मुस्कुराए भी, किसी पहचान की खातिर कल का अखबार था, बस देख लिया, रख भी दिया।”
-गुलज़ार
“लकीरें हैं तो रहने दो, किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी, उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।”
-गुलज़ार
“तन्हाई की दीवारों पर, घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।”
-गुलज़ार
“उम्र ज़ाया कर दी लोगो ने, औरों में नुक्स निकालते निकालते, इतना खुद को तराशा होता, तो फरिश्ते बन जाते।”
-गुलज़ार
“रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।”
-गुलज़ार
“उस नज़र की तरफ मत देखो जो आपको देखने से इंकार करती हो,
दुनिया की भीड़ में उस नज़र को देखो जो सिर्फ आपका ही इंतज़ार करती हो!”
-गुलज़ार
“दिमाग वालों की दुनिया में जब भेजना ही था,
ए ख़ुदा तो फिर अच्छा दिल देने की क्या जरूरत थी!!”
-गुलज़ार
“फर्क नहीं पड़ता कि कौन आपको पाने के लिए मरता है,
मायने तो ये रखता है कि आपको खोने से कौन डरता है!”
-गुलज़ार
“किसी के लिए भी खुली किताब मत बनों,
टाइमपास का दौर हैं पढ़कर फेंक दिए जाओगे!”
-गुलज़ार
“समय का कैसा मोड है, रात दिन की दौड़ है,
ख़ुश रहने का समय नहीं बस खुश दिखने की ढोंग है!”
-गुलज़ार
“लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है,
चलिए छोड़िए कौन सी पहली दफा है।”
-गुलज़ार
आशा करते हैं कि इस लेख में प्रस्तुत की गई ‘गुलज़ार शायरी हिंदी में’ आपको अवश्य पसंद आई होगी। इन शायरियों को पढ़कर आपको ऐसा प्रतीत होगा कि गुलज़ार साहब ने हमारे जीवन के हर पहलू को अपने शब्दों में समेटा है। कृपया इन्हें ज़रूर पढ़ें और यदि ये शायरियाँ आपके मन को भा जाएं, तो इन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा करना न भूलें। धन्यवाद।