प्यार में धोखा शायरी: दिल की आवाज

प्यार में धोखा शायरी: दिल की आवाज

परिचय

धोखा शायरी एक ऐसी शायरी है जो किसी के धोखे के दर्द को शब्दों के माध्यम से प्रकट करती है। यह शायरी उन भावनाओं का चित्रण करती है जो एक व्यक्ति को तब अनुभव होती हैं जब उन्हें धोखा मिलता है। यह शायरी सिर्फ प्रेम के धोखे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मिले धोखे को बयाँ कर सकती है।

प्यार में धोखा शायरी: दिल की आवाज
प्यार में धोखा शायरी: दिल की आवाज

धोखा शायरी का इतिहास

शायरी का प्रारंभिक दौर

शायरी का प्रारंभिक दौर बहुत पुराना है। शायरी के माध्यम से लोग अपनी भावनाओं और विचारों को प्रकट करते थे। यह एक ऐसा माध्यम था जो न सिर्फ मनोरंजन का साधन था बल्कि संवेदनाओं को भी व्यक्त करता था।

धोखा शायरी की उत्पत्ति

धोखा शायरी की उत्पत्ति का सही समय बताना मुश्किल है, लेकिन यह निश्चित है कि जैसे ही प्रेम और विश्वास के रिश्तों में दरारें पड़ी, वैसे ही धोखा शायरी ने जन्म लिया। यह शायरी विशेष रूप से उर्दू साहित्य में बहुत लोकप्रिय हुई।

प्रमुख शायर और उनकी रचनाएँ

मीर तकी मीर

मीर तकी मीर उर्दू के बहुत बड़े शायर थे। उन्होंने अपने शेरों में दिल के दर्द और धोखे को बखूबी उतारा है।

मिर्जा गालिब

मिर्जा गालिब की शायरी में भी धोखे का चित्रण मिलता है। उनकी रचनाएँ आज भी लोगों के दिलों को छूती हैं।

जिगर मुरादाबादी

जिगर मुरादाबादी की शायरी में भी दर्द और धोखे का भाव प्रमुखता से देखा जा सकता है। उनकी शायरी ने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है।

आइये देखें कुछ प्रमुख  धोका शायरी जो निम्नलिखित हैं :-

दिल के दर्द का किस्सा सुनाते हैं तुझे, हर ख्वाब में तुझे हम पाते हैं तुझे। तेरे बिना कोई और आसरा नहीं है, फिर क्यों तू हर बार हमें धोखा देते हैं।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

जिसने भी हमसे वफा की बात की, हर मोड़ पे उसने ही हमें मात दी। धोखा देने वाले से अब क्या शिकायत करें, जिसने भी दिल लगाया, उसने घात की।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

तेरी यादों में जीते हैं, तेरी बातों में रोते हैं। धोखा देने वाले सुन, हम आज भी तुझसे ही प्यार करते हैं।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

धोखा भी दिया तो इतने प्यार से, जैसे कोई अपनी वफा निभा रहा हो। दिल तड़पता रहा दर्द में, वो समझता रहा के हम मुस्कुरा रहे हो।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

जिन्हें हमने दिल की धड़कन बना लिया, वो ही हमारी आंखों का धोखा बन गए। जिन्हें माना हमने अपनी जिन्दगी का हिस्सा, वो ही हमारे लिए सजा बन गए।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

तेरी झूठी मोहब्बत ने हमें सिखा दिया, सच्चे दिल से भी कोई धोखा खा सकता है। तूने जो किया वो शायद भुला ना सकें, पर दिल से दिल तोड़ने का दर्द बता सकता है।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

धोखा खाकर भी मुस्कुराना है हमने सीखा, टूटे हुए दिल को जोड़ना है हमने सीखा। जिन्होंने तोड़ा है हमें, उनको सच्ची दुआ देना, हर जख्म को सहलाना है हमने सीखा।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

तू भी सादा है कभी चाल बदलता ही नहीं
हम भी सादा हैं इसी चाल में आ जाते हैं

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

जो उन मासूम आँखों ने दिए थे
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

आदमी जान के खाता है मोहब्बत में फ़रेब
ख़ुद-फ़रेबी ही मोहब्बत का सिला हो जैसे

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

मेरे ब’अद वफ़ा का धोका और किसी से मत करना
गाली देगी दुनिया तुझ को सर मेरा झुक जाएगा

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

तेरे वादों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

इक सफ़र में कोई दो बार नहीं लुट सकता
अब दोबारा तिरी चाहत नहीं की जा सकती

ज़ख़्म लगा कर उस का भी कुछ हाथ खुला
मैं भी धोका खा कर कुछ चालाक हुआ

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

जिन की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिन के लिए बदनाम हुए
आज वही हम से बेगाने बेगाने से रहते हैं

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

समझा लिया फ़रेब से मुझ को तो आप ने
दिल से तो पूछ लीजिए क्यूँ बे-क़रार है

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

किस ने वफ़ा के नाम पे धोका दिया मुझे
किस से कहूँ कि मेरा गुनहगार कौन है

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

अक्सर ऐसा भी मोहब्बत में हुआ करता है
कि समझ-बूझ के खा जाता है धोका कोई

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

दिखाई देता है जो कुछ कहीं वो ख़्वाब न हो
जो सुन रही हूँ वो धोका न हो समाअत का

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

वो धोके पे धोका दिए जाए लेकिन
ये दिल फिर भी उस की सिफ़ारिश करे है

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

सारे राज़ समझो लो लेकिन ख़ुद क्यूँ उन को लब पर लाओ
धोका देने वाला रो दे ऐसी शान से धोका खाओ

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

जो लोग अभी तक नाम वफ़ा का लेते हैं
वो जान के धोके खाते, धोके देते हैं

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

धोका था निगाहों का मगर ख़ूब था धोका
मुझ को तिरी नज़रों में मोहब्बत नज़र आई

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“आप एक इंसान को कभी धोखा नहीं दे सकते, वो है खुद आप।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“एक बार किसी के धोखे से दिल टूट जाए तो शायद ही फिर जुड़ पाता है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा देना बहुत बड़े गुनाहों में से एक है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“बड़े किस्मत वाले होते है वो लोग जिनको प्यार और दोस्ती में धोखेबाज़ी का शिकार नहीं बनना पड़ता है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“मैंने प्यार जितनी तसल्ली से किया, उसने धोखा भी बहुत मज़े से दिया।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“धोखेबाज़ को एक बार धन्यवाद तो जरूर ही बोलियेगा, क्योंकि आप उससे वक्त रहते बच गए।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा खाकर इंसान जो सीख लेता है, वो सीख उसे दुनिया के किसी किताब से नहीं मिल सकती।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा मिले कोई बात नहीं, लेकिन आप उन गलतियों से जरूर सीख लें।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“धोखा देने वाला से ज्यादा बड़ी गलती धोखा खाने वाले की होती है, आँखें बंद कर के विश्वास कर लेना।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“एक आईना ही है जिसने आज तक किसी इंसान को धोखा नहीं दिया।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“दोस्त थोड़े कम ही बनाये, लेकिन धोखेबाज़ दोस्तों से दूर रहें।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा अक्सर मतलब पूरा होने के बाद ही दिया जाता है।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“कर्ज़दार हूँ मैं कुछ लोगों का, क्योंकि उनके दिये धोखे के बाद ही मेरी अक्ल ठिकाने आई है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“दिल के करीब लोगों से सावधान रहा कीजिए, क्योंकि उन्होंने अगर धोखा दिया तो आप बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“गैरों से बदतर होते है वो जो अपनों को ही धोखा देते है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा देना आखरी विकल्प कभी नहीं होता।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“बड़ी अजीब फितरत है अधूरे इश्क़ की, किसी को तो धोखेबाज़ होना ही पड़ता है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“पहचान ने में भूल हुई मुझसे, धोखा देना शायद तुम्हारी फितरत ही थी।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“बड़ी धोखेबाज़ी की तुमने इश्क़ में, खुशियां अपने हिस्से और गम मेरे नाम कर दिया।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा मजबूरी में दिया जाए तो माफ़ किया जा सकता है।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“जो अपने माँ-बाप को धोखा दे सकता है, वो किसी को भी धोखा दे सकता है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“धोखा देना मजबूरी हो तब भी किसी को धोखा मत दीजिए।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“ज़िंदगी सँवारने के लिए, ज़िंदगी में धोखा खाना बहुत जरुरी है।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

“जिसने भी किसी अपनों से धोखा खाया है, उसने अपनी तकदीर अपने हाथों से बनाया है।”

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

“एक धोखा भी जरुरी है, अपने आप से मिलने के लिए।”

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

अक्सर धोखा वही खाते है, जो जरूरत से ज्यादा किसी पर भरोसा करते है।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

हर धोखा देने वाला धोखेबाज़ नहीं होता, कुछ किस्मत का भी लिखा होता है।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

अब इंसान मौसम के रफ्तार से नहीं, हवाओं के रफ़्तार से बदलते है।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

हम जिनको हर दिन याद करते है, वो किसी और को खुश करने में लगी हुई है।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

हर SORRY का जवाब IT’S OKAY नहीं होता।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

इस कदर तबाह हुए की तबाही दिखी नहीं, इश्क़ की इलाज की दवाई मिली ही नहीं।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

दिलों में दिमाग रखते है, आप तो सब से प्यार से मिलते है।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

एक इंसान पूरी दुनिया को धोखा दे सकता है, अपने आप को नहीं।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

याद का पता नहीं, पर शर्म तो आती होगी उसको।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

हर धोखेबाज़ अपने परवरिश बयान करता है।

♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥♥♥⇔♥♥

धोखा देने वाले अक्लमंद होते, भरोसा करने वाले गुनेहगार, ये नई दुनिया की नई रीत है।

♥♥⇔♥♥ धोखा शायरी♥♥⇔♥♥

दुनिया को धोखे में रखो, अपने आप को नहीं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top