कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे

कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे

कान हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा

हमारे शरीर का हर हिस्सा महत्वपूर्ण होता है, और इसमें से एक हमारा कान भी है। कान की बीमारियां कई कारणो  से हो सकती है,  कान में गंदगी धूल एवं मिट्टी आदि एकत्रित होने, कान के पर्दे में पानी चले जाने, चोट लगने कान को किसी नुकीली  चीजों से साफ करने अथवा कोई कीड़ा आदि घुस जाने, तथा फोड़े के कारण कान में खुजली, घाव जलन दर्द तथा बहरेपन की शिकायत हो जाती यदि इस पर तत्काल ध्यान न दिया जाए तो रोगी कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है। कान हमें सुनने में सहायक होते हैं, संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं, और शरीर के अंदरूनी हिस्सों की रक्षा करते हैं।

कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे

कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे निम्नलिखित हैंः-

कान दर्द और उसके घरेलू नुस्खे

कारणः- कान दर्द एक सामान्य समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि सर्दी, कान में संक्रमण, या कान में चोट।

घरेलू नुस्खे:

  • गर्म सेक: गर्म सेक से कान दर्द और सूजन में राहत मिल सकती है।
  • सरसों का तेल: सरसों के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कान दर्द को कम कर सकते हैं।
  • सरसों के तेल में लहसुन की चार से पांच कलियां जलाकर छानकर कान में डालें
  • तुलसी के हरे पत्ते का अर्क निकाल कर कान में डालें
  • प्याज का ताजा रस गर्म करके दो तीन बूंद कान में डालें
  • अदरक का रस पांच का नाम सह दो ग्राम सेंधा नमक आधा ग्राम और तिल का तेल दो ग्राम इन सबको मिलाकर थोड़ा गर्म करके कुछ बंदे कान में डालें
  • आक के पके हुए पीले पत्ते को आंच पर सेंक कर उसे चुटकी से मसले फिर दो तीन बुंद अर्क निकाल कर दर्द वाले कान में डालें
  • बकरी के दूध में संभाग सिरका मिलाकर गुनगुना करके कान में कुछ बूंद डालें
  • यदि बच्चे के कान में दर्द हो तो माँ के दूध की दो तीन बूंदें उसके कान में डालें
  • सर्दी की वजह से कान में दर्द होने पर भांग के पत्तों का रस गर्म करके डालें
  • कान में दो तीन बूंद गोमूत्र डालने से भी कान का दर्द ठीक हो जाता है

कान में संक्रमण: बच्चों की सामान्य समस्या और घरेलू नुस्खे

कारणः- कान में संक्रमण बच्चों में अधिक होती है और इसके कारण कान में दर्द, खुजली, और सूजन हो सकती है।

घरेलू नुस्खे:

  • प्याज: प्याज में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कान में संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।
  • हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।
  • बेकिंग सोडा: बेकिंग सोडा में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।

कान की खुजली के घरेलू नुस्खे

  • चमेली के तेल में ज़रा सा  येलुआ पीसकर गर्म करें और उसे कान में डालें
  • राई का तेल कान में डालने से भी काफी लाभ होता है
  • केले के पत्ते कर रस और समुद्र फेन दोनों को मिलाकर बूंद बूंद मिला लें

कान में फुंसी के घरेलू नुस्खे

  • लहसुन मूली तथा अदरक का रस निकालकर कान में डालें
  • आम के पीले पत्ते पर ज़रा सा घी चुपड़ कर उसका रस निकाल लें फिर उसे बूंद बूंद कर कान में डालें
  • कान में दालचीनी के तेल डालने से भी काफी लाभ होता है
  • लहसुन की दो कलियां कुचलकर सरसों के तेल में पकाकर छानकर बूंद बूंद डालें
  • तुलसी के पत्ते के रस में ज़रा सा कपूर घोटकर कान में डालें

कान का घाव के घरेलू नुस्खे

  • नीम के पत्ते पानी में उबालकर उसका बफरा कान में दें
  • कान में प्रतिदिन दो बार सुबह शाम गौ मूत्र डालें
  • सेम की पत्तियों का रस रोजाना कान में बूंद बूंद डालें

कान में जलन के घरेलू नुस्खे

  • ग्वारपाठा का गुदा कपड़े से छानकर कान में डालें और उसका फुजला कान पर रखें
  • गिलोय को पानी में घिसकर गुनगुना करें और कान में डालें
  • दालचीनी का तेल रोजाना सुबह शाम बूंद बूंद डालें

कान बहना कारण और घरेलू नुस्खे

कारणः- कान बहना भी एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि सर्दी, कान में संक्रमण, या कान में चोट।

घरेलू नुस्खे:

  • नमकीन पानी: नमकीन पानी कान में जमी हुई मवाद को निकालने में मदद कर सकता है।
  • एलोवेरा: एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कान बहने को रोकने में मदद कर सकते हैं।
  • नींबू का रस: नींबू का रस में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, नींबू के रस को गरम पानी में मिलाकर कान में 2-3 बूंद डालें।
  • बहते कान में चुनने के नेतृत्व में पानी की पिचकारी दें
  • नींबू के रस में सज्जीखार मिलाकर कान में डालें
  • सुहागे को गर्म तावे पर फुलाकर उसकी खील सी बनाकर पीस डालें फिर कान को रूई से साफ करके उसमें थोड़ा सा पिसा सुहागा छिड़क दें
  • माजूफल को कूटकर सिरके में उबाल कर छानकर कान में डालें
  • सहजन का गोंद बारीक पीसकर थोड़ा सा कान में डाल दें
  • हल्दी एक भाग और फिटकिरी 20 भाग दोनों को मिलाकर पीसकर कान में डालें
  • नीम के तेल में शहद मिलाकर उसमें रूई भिगोकर कान में रखें
कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे
कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे

कान में कीड़े घुस जाना और घरेलू नुस्खे

  • यदि कानखजुरा या कनसलाई कान में घुस जाए तो मरोड़फली की जड़ को एरंड के तेल में घिसकर 15-20 बार कान में डालें
  • यदि कान में कोई कीड़ा घुस जाये तो मकोय के पत्ते का रस डाले
  • कान में कीड़े होने पर काकजंघा का रस डालना लाभदायक रहता है
  • कान में मच्छर के घुस जाने पर कसौंदी के पत्तों का रस डालें

बहरापन और घरेलू नुस्खे

  • रोजाना तुलसी के पत्तों का रस कान में भी उन डालें
  • प्याज का रस हल्का गर्म करके प्रतिदिन कान में डालें
  • लहसुन की आठ कलियों को 50 ग्राम तिल के तेल में जलाकर छानकर कुछ बंदे कान में डालें
  • बदाम के तेल की दो बूंदें बाएं कान में और चार बंदे दाएं कान में रोजाना तीन माह तक डाले
  • एक चम्मच सोंठ तथा 25 ग्राम गुड का सेवन नित्य चार माह तक करें
  • नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उनका आसव तैयार करके कान में डालें
  • कान में प्रतिदिन गोमूत्र डालने से भी काफी लाभ होता है
बहरापन और घरेलू नुस्खे
कान की बीमारियां और उनके घरेलू नुस्खे

अन्य कान की बीमारियां:

  • किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
  • कान को ठंड से बचाएं और सावधानी बरतें।

यदि समस्या बनी रहती है या बढ़ जाती है, तो कृपया चिकित्सक से मिलें।

अतिरिक्त सुरक्षा उपाय: कान की बीमारियां 

  • कान को ठंड से बचाएं: ठंडे हवा और बारिश से बचने के लिए टोपी या कान को ढकने वाले आवरण का उपयोग करें।
  • कान में पानी न जाने दें: तैरते या नहाने के बाद कानों में पानी न जाने देने से इन्फेक्शन का खतरा कम हो सकता है। ध्यानपूर्वक और सूखे हुए तौलिए का इस्तेमाल करें।
  • कान को साफ करते समय सावधानी बरतें: अगर आप कान में कुछ साफ कर रहे हैं, तो कॉटन बड़े सुक्ष्म और कोमल वस्त्र का इस्तेमाल करें। अधिकतम सावधानी बरतने से चोट और संक्रमणों का खतरा कम हो सकता है।

नियमित चेकअप:- किसी भी कान की बीमारियां के समस्या के लिए नियमित चेकअप करना महत्वपूर्ण है। यदि कोई समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सही सलाह प्राप्त करना आवश्यक है।

ध्यान रखें कि यह घरेलू नुस्खे सिर्फ सामान्य समस्याओं के लिए हैं और यदि स्थिति गंभीर है, तो तत्पर चिकित्सक की सलाह लेना उचित है। आपकी स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

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